Great Bhojpuri Folk Singers : लोकप्रिय भोजपुरी गायक जिनके बारे में आपको जानना चाहिए।

परिचय
लोकप्रिय भोजपुरी लोक गायक भोजपुरी संगीत ने अपनी आकर्षक धुनों, दिल को छू लेने वाले बोलों और गहरी सांस्कृतिक जड़ों की बदौलत भारतीय क्षेत्रीय संगीत की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। चाहे वह बॉलीवुड शैली के गाने हों या पारंपरिक लोक धुनें, भोजपुरी संगीत ने पूरे भारत और विदेशों में लाखों श्रोताओं को आकर्षित किया है। भोजपुरी संगीत उद्योग ने कई प्रतिभाशाली गायकों को जन्म दिया है जिनकी आवाज़ें प्रतिष्ठित बन गई हैं। इस ब्लॉग में, हम उन शीर्ष भोजपुरी गायकों के बारे में जानेंगे जिनके बारे में आपको जानना चाहिए, लोक संगीत के दिग्गजों से लेकर समकालीन पॉप सितारों तक।
भिखारी ठाकुर (1887-1971)
भिखारी ठाकुर एक महान भोजपुरी कलाकार थे, जिन्हें अक्सर “भोजपुरी का शेक्सपियर” कहा जाता है। वे एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे, जिन्हें नाटककार, लोक गायक, अभिनेता और समाज सुधारक के रूप में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। बिहार के सारण जिले के कुतुबपुर नामक एक छोटे से गाँव में जन्मे ठाकुर एक साधारण नाई परिवार से थे, लेकिन भोजपुरी भाषी क्षेत्रों में सबसे प्रभावशाली सांस्कृतिक हस्तियों में से एक बन गए।
उल्लेखनीय कृतियाँ:
“बिदेसिया”: प्रवासन और पीछे छूट गए परिवारों के भावनात्मक संघर्षों के बारे में एक नाटक।
“गबरघिचोर”: सामाजिक मुद्दों से निपटने वाला एक और लोकप्रिय नाटक।
“बेटी बेचवा”: दहेज प्रथा और महिलाओं के शोषण पर केंद्रित एक नाटक।
भिखारी ठाकुर क्यों मायने रखते हैं:भिखारी ठाकुर की रचनाओं का भोजपुरी संस्कृति और समाज पर लंबे समय तक प्रभाव रहा है।उन्होंने महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करते हुए भोजपुरी लोक परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने में मदद की।नाटककार और समाज सुधारक के रूप में उनकी विरासत समकालीन भोजपुरी कला, सिनेमा और संगीत को प्रभावित करती है।
महेंद्र मिसिर: भोजपुरी संगीत के कवि
भोजपुरी संगीत के एक और दिग्गज महेंद्र मिसिर हैं, जो अपनी गहरी कविताओं और भावपूर्ण गीतों के लिए जाने जाते थे। उनकी रचनाओं को उनकी भावनात्मक गहराई और आम लोगों से जुड़ाव के लिए जाना जाता है। महेंद्र मिसिर की रचनाएँ अक्सर प्रेम, आध्यात्मिकता और ग्रामीण जीवन के इर्द-गिर्द घूमती थीं, जो उनके समय के भोजपुरी समाज के सार को दर्शाती थीं।
मिसिर के गीत भोजपुरी समारोहों और त्यौहारों पर गान बन गए, क्योंकि वे बिहार और उत्तर प्रदेश की भोजपुरी भाषी आबादी के साथ गहराई से जुड़ गए।
वे क्यों मायने रखते हैं: महेंद्र मिसिर का भोजपुरी संगीत में योगदान आधारभूत था। उनके काव्यात्मक गीत न केवल मनोरंजन करते थे बल्कि दिलों को भी छूते थे, जिससे वे अब तक के सबसे प्रिय भोजपुरी गायकों में से एक बन गए।
शारदा सिन्हा: छठ पूजा की आवाज़
भले ही शारदा सिन्हा भिखारी ठाकुर या महेंद्र मिसिर के दौर से न हों, लेकिन भोजपुरी लोक संगीत में उनका योगदान बेमिसाल है। “भोजपुरी लोकगीतों की रानी” के रूप में जानी जाने वाली शारदा सिन्हा के गीत, खास तौर पर छठ पूजा से जुड़े गीत, भोजपुरी भाषी क्षेत्रों में खास हैं।
लोक संगीत के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार सहित कई पुरस्कार दिलाए हैं। उनके गीत, जैसे “पहिले पहिल छठी मैया” और “हो दीनानाथ” भोजपुरी त्योहारों और परंपराओं का पर्याय बन गए हैं।
वह क्यों मायने रखती हैं: शारदा सिन्हा भोजपुरी गौरव का प्रतीक हैं। उनके गीत क्षेत्र की परंपराओं को जीवित रखते हैं और खासकर छठ के त्योहार के दौरान भोजपुरी संगीत को वैश्विक दर्शकों तक पहुँचाते हैं।
भरत शर्मा व्यास: भोजपुरी लोक संगीत के बादशाह
भरत शर्मा व्यास लोकप्रिय भोजपुरी लोक गायक एक बेहद सम्मानित और दिग्गज भोजपुरी गायक हैं, जिन्हें अक्सर “भोजपुरी लोक संगीत के बादशाह” के रूप में जाना जाता है। बिहार के महाराजगंज में जन्मे भरत शर्मा ने भोजपुरी भक्ति और लोक संगीत में अपने योगदान के लिए अपार लोकप्रियता हासिल की। उन्हें उनकी भावपूर्ण प्रस्तुतियों और विशिष्ट आवाज़ के लिए जाना जाता है, जो दशकों से भोजपुरी भाषी दर्शकों के बीच गूंजती रही है।
उल्लेखनीय गीत: “महिमा छठी मैया के” “ऐ भोला भंडारी” “गंगा मैया के महिमा”
क्यों मायने रखते हैं: भरत शर्मा व्यास की भोजपुरी संस्कृति की गहरी समझ और उसे संगीत में ढालने की उनकी क्षमता ने उन्हें एक आइकन बना दिया है। उनकी आवाज़ भोजपुरी भक्ति और लोक परंपराओं का पर्याय बन गई है और उनका संगीत भोजपुरी कलाकारों की नई पीढ़ियों को प्रेरित करता रहता है। उन्होंने पूरे भारत और उसके बाहर भोजपुरी संगीत को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भरत शर्मा के संगीत ने न केवल भोजपुरी लोक परंपराओं की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया है, बल्कि भोजपुरी संगीत को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाया है।
कल्पना पटवारी: भोजपुरी संगीत की रानी
कल्पना पटवारी एक प्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायिका हैं, जिन्हें भोजपुरी संगीत में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। असम में जन्मी, वह अपनी असमिया जड़ों के बावजूद भोजपुरी संगीत उद्योग में सबसे अधिक पहचानी जाने वाली आवाज़ों में से एक बन गई हैं। कल्पना अपने बहुमुखी गायन के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसमें वे लोक, शास्त्रीय और समकालीन शैलियों का सहजता से मिश्रण करती हैं।
उल्लेखनीय गीत:“गवनवा ले जा राजाजी”, “छठी मैया के महिमा”, “सावन में”
वह क्यों मायने रखती हैं:कल्पना पटवारी को भोजपुरी लोक संगीत को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़े दर्शकों तक पहुँचाने के लिए जाना जाता है। अपनी मातृभाषा से इतर भाषा में प्रामाणिकता और भावना के साथ गाने की उनकी क्षमता भारतीय लोक परंपराओं को संरक्षित करने के लिए उनकी प्रतिभा और जुनून का प्रमाण है। कल्पना के काम ने भोजपुरी लोक संगीत में रुचि को पुनर्जीवित किया है, और वह इस शैली में एक अग्रणी आवाज़ बनी हुई हैं।
निष्कर्ष:
लोकप्रिय भोजपुरी लोक गायक भोजपुरी संगीत की एक समृद्ध परंपरा है जो समय के साथ और भी विविधतापूर्ण और जीवंत होती गई है। शारदा सिन्हा जैसे लोक संगीत के दिग्गजों से लेकर पवन सिंह जैसे आधुनिक इंटरनेट सनसनी तक, भोजपुरी गायकों ने क्षेत्रीय सीमाओं से परे दर्शकों तक पहुँचते हुए अपनी संस्कृति का सार पकड़ लिया है। चाहे आप पारंपरिक लोक धुनों के प्रशंसक हों या आधुनिक पॉप हिट, ये भोजपुरी गायक आज भारतीय क्षेत्रीय संगीत में सबसे प्रभावशाली आवाज़ों में से कुछ हैं। इसलिए, अगर आपने अभी तक भोजपुरी संगीत नहीं खोजा है, तो ये कलाकार हैं जिनसे शुरुआत करें!